tag:blogger.com,1999:blog-4942508908242162849.post8613566767646902016..comments2024-02-27T20:03:54.732-08:00Comments on खेल ज़िंदगी है.....: जीत से आगे की राह से अंजान हैं हमारे चैंपियनN.P. Singhhttp://www.blogger.com/profile/09717760577972667115noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4942508908242162849.post-82305399671417408862008-09-08T09:18:00.000-07:002008-09-08T09:18:00.000-07:00अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भारतीय खिलाड़ी पदक से इ...अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भारतीय खिलाड़ी पदक से इसी लिए दूर रहते हैं कि उनमें जीत की भूख नहीं होती है। आखिर बचपन से उन्हें संतोषम् परम सुखम् की घुट्टी जो पिलायी जाती है। अगर खिलाड़ी अपनी प्रतिभा या तुक्के से पदक हासिल कर लें तो जीत का हैंगओवर इतना ज्यादा होता है कि खिलाड़ी अपनी कामयाबी को पचा नहीं पाते हैं। एथेंस ओलंपिक के सिल्वर मेडलिस्ट राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का बीजिंग ओलंपिक में क्या हाल हुआ ये बताने की जरूरत नहीं है। डर है कि अभिनव, विजेंद्र और सुशील के साथ भी कहीं ऐसा न हो। सुशील को छोड़कर बाकी दोनों खिलाड़ी जिस तरह का बर्ताव कर रहे हैं उससे तो यही लगता है।Unknownhttps://www.blogger.com/profile/13551246144970055920noreply@blogger.com