Thursday, May 7, 2009

वॉर्न की शख्सियत के जादू से पार पाने की चुनौती

शेन वॉर्न को देख अमेरिकी बास्केटबाल के महानतम कोच पेट रिले का कथन याद आता है। अमेरिकी बास्केटबाल लीग की पांच विजेता टीमों के कोच रहे रिले का मानना है कि आपको महान खिलाडी को शिकस्त देने के लिये उसके खेल से ज्यादा उसके प्रभामंडल, उसके जादू से पार पाना होता है। यानि आपके सामने जीत के लिए दोहरी चुनौती होती है। वॉर्न के खिलाफ भी आप एक महान खिलाडी से जूझते हैं। एक महान गेंदबाज और एक बेहतरीन कप्तान से पार पाने की कोशिश करते हैं। लेकिन इन सबसे ज्यादा आपके सामने इस महानायक की शख्सियत के आस पास रचे जादू से भी पार पाने की चुनौती होती है।

लेकिन गुरूवार को सेंचुरियन में वॉर्न रिले की सोच से भी आगे जा रहे थे। बंगलोर रॉयल चैलेंजर्स की पारी का आखिरी ओवर था। उसके आठ विकेट गिर चुके थे। उनके रन भी बमुश्किल 100 तक पहुंचे थे। कोई दूसरा कप्तान होता तो किसी अनुभवी गेंदबाज को गेंद थमा कुछ राहत की सांस ले सकता था। लेकिन वॉर्न अपने विपक्षी को हल्की सी भी राहत नहीं देना चाहते थे। उन्होंने अपना दूसरा मुकाबला खेल रहे अमित सिंह को गेंद थमाई। साथ ही हर गेंद पर उन्हें सलाह देने के लिए वो मिड ऑफ पर मौजूद थे। माहौल पर हावी होते वॉर्न के जादू के बीच बंगलोर मुकाबला खत्म होने से बहुत पहले ही हार कबूल रहा था। वॉर्न की दी हिदायतों के बीच इस धीमे विकेट पर अपनी पेस में बदलाव करते हुए अमित सिंह ने बंगलोर को आखिरी छह गेंदों पर सिर्फ तीन रन ही बनाने का मौका दिया। साथ ही उनके बाकी बचे दोनों विकेट हासिल कर प्रतियोगिता का अपना सबसे बेहतर प्रदर्शन किया।


फिर यह वॉर्न की शख्सियत का जादू विपक्षी ही नहीं, उनके अपने साथियों को भी अपने साथ बहा ले जाता है। आखिर इस प्रतियोगिता से पहले गुजरात की ओर से रणजी ट्राफी में खेलने वाले अमित सिंह को फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पांच साल हो गए थे। लेकिन वो महज १५ मुकाबलों में ही मैदान में उतर पाए। इसके लिये उनकी गेंदबाजी एक्शन पर बोर्ड की तकनीकी समिति की ऊँगलियाँ उठाना भी एक वजह कही जा सकती है। लेकिन वॉर्न ने इन सब को नज़रंदाज कर अमित सिंह पर भरोसा जताया। नतीजा सामने था। वॉर्न के दिखाए भरोसे के बीच अमित ने पहले मुकाबले में संगकारा समेत तीन विकेट लिये। दूसरे मैच में वो अपने प्रदर्शन को चार विकेट तक खींच ले गए।

ठीक इसी आइने में आप नमन ओझा की पंजाब के खिलाफ खेली विस्फोटक पारी को पढ़ सकते हैं। आप कोलकाता के खिलाफ आखिरी ओवर डालते कामरान खान के भरोसे को छू सकते हैं। किसी भी स्तर के राष्ट्रीय क्रिकेट में न उतरने वाले कामरान आखिरी ओवर में सौरव का विकेट लेते हैं। सुपर ओवर फेंकने का भरोसा हासिल करते हैं। जब इस लाजवाब प्रदर्शन के बाद कामरान से प्रतिक्रिया ली जाती है, तो वो सिर्फ एक बात कहते है- मैं कप्तान के भरोसे पर खरा उतरा। फिर, यही सोच टीम के सीनियर सदस्यों में भी झलकती है। युसूफ पठान अपनी कामयाबियों को वॉर्न के दिये हौसलों से जोड़ देते है। मोर्केल उनमे बेहतरीन कप्तान को देखते हैं।


दरअसल, वॉर्न और उनके साथियों के बीच भरोसे के इस तार का सिरा वॉर्न की शख्सियत के जादू से जुड़ा है। कोई वॉर्न के सामने नाकाम नहीं होना चाहता। यही टीम को सबसे बड़ी ताकत देता है। फिर वॉर्न बड़े नामों से हटकर अपनी टीम में ऐसे युवा टेलेंट को जगह देने में यकीन करते हैं जो उनकी सोच के मुताबिक ढल जाये। मज़ाक में वो ये भी कहते हैं कि इन युवा खिलाड़ियों की वजह से वो भी खुद को युवा महसूस करते हैं।


लेकिन, बात मज़ाक से आगे की है। शेन वॉर्न टीम में अंग्रेजी न जानने वाले ज्यादातर युवाओं के होने के बावजूद शिद्दत से संवाद करते हैं। वो उनकी बात तसल्ली से सुनते हैं तो अपनी बात विस्तार से समझाने के लिए द्विभाषिये की मदद लेते हैं। वार्न मैदान में कैच छूटने से लेकर ओवर थ्रो जैसी गलतियों पर नाराज नहीं होते। वो नाजुक मौकों पर गलतियां करते अपने साथियों का हौसला बढ़ाते हैं। एक कप्तान की भूमिका से आगे की कोशिशें ही युवा खिलाड़ियों को उनके पीछे चलने पर मजबूर कर देती हैं। युवा टेलेंट को तरजीह देने के चलते ही पिछली बार के तीन स्टार खिलाडियों की गैरमौजूदगी का टीम पर कोई असर नहीं है। इस बार शेन वॉट्सन, सोहेल तनवीर और कामरान अकमल टीम के साथ नहीं है।

लेकिन इसके बावजूद राजस्थान रॉयल्स अपने खिताब को बचाने की ओर बहुत मजबूती से बढ़ रही है। कल तक वो कोलकाता के खिलाफ सुपर ओवर में जीत दर्ज कर रही थी, तो आज वो पंजाब किंग्स इलेवन और बंगलोर पर एकतरफा जीत दर्ज करते हुए ट्वेंटी ट्वेंटी के रोमांच को खारिज कर रही है। प्रतियोगिता की बाकी टीमों को आगाह करती हुई-आप किसी टीम के खिलाफ नहीं खेल रहे। आप वॉर्न नाम के इस महानायक से जूझ रहे हैं। आपको राजस्थान पर जीत दर्ज करने से पहले वॉर्न के जादू से पार पाना होगा। इसमें फिलहाल सभी बहे चले जा रहे हैं। विपक्षी टीम भी और खुद वॉर्न की राजस्थान रॉयल्स भी।

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